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सदियों पुरानी परंपरा के लिए मां विंध्यवासिनी धाम में उमड़े श्रद्धालु, मंदिर का किया शुद्धिकरण

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मंगला तिवारी/मिर्जापुर: उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में स्थित मां विंध्यवासिनी धाम में बृहस्पतिवार को मां गंगा के जल से परिसर की सफाई की गई. प्राचीन परंपरा के अनुसार वैशाख कृष्ण पक्ष के दिन मां के धाम की घड़े से गंगाजल लाकर पूरे परिसर की धुलाई की जाती है. श्रद्धालुओं के साथ विंध्य पंडा समाज के पदाधिकारी व स्थानीय गंगा घाट से जल लाकर मां के धाम की धुलाई करते हैं. मान्यता के अनुसार नवरात्रि में भक्तों की भीड़ दर्शन के लिए उमड़ती है. ऐसे में उन्हें रोग और व्याधी से मुक्ति मिलती है. कहा जाता है  कि मां के दरबार में उनके दुख छूट जाते हैं. ऐसे में मां के गर्भगृह से लेकर परिसर की धुलाई की जाती है.

बता दें, नवरात्रि में देश विदेश से रोजाना लाखों की संख्या में श्रद्धालु मां विंध्यवासिनी धाम में दर्शन के लिए आते हैं. वहीं, तंत्र साधना के लिए भी लोग यहां आते हैं. ऐसे में चैत्र नवरात्रि के बाद मां के धाम के घटाभिषेक की प्राचीन समय से परंपरा चली आ रही है. मान्यता है कि इससे समाज में नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव कम होता है. साथ ही देश में खुशहाली आती है. विंध्य पंडा समाज के मंत्री भानु पाठक ने बताया कि चैत्र पूर्णिमा के एक दिन बाद मां भगवती का घटभिषेक किया जाता है. मान्यता है कि नवरात्रि में बाहर से आई नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए घटाभिषेक किया जाता है. इसमें भक्त और सभी पंडा समाज और विंध्य विकास परिषद से जुड़े लोग सहयोग देते है. वर्षों से यह परंपरा चली आ रही है. मां भगवती का घटाभिषेक होने के बाद विशेष पूजन व भंडारा होता है.

हर वर्ष विशेष पूजन में होते हैं शामिल
भदोही से आई भक्त भावना सिंह ने कहा कि मां के घटाभिषेक में हम आएं हुए है. यहां आने के बाद हमने बहुत शांति मिलती है. भक्त शांति सिंह ने बताया कि गंगा स्नान करने के बाद हम सभी घड़ा में जल लेकर मां के धाम की धुलाई करते हैं. विशेष पूजन पर इस वर्ष भी हमें शामिल होने का मौका मिला है. हर वर्ष हम लोग यहां पर आते हैं. पूर्णिमा के अलावा हम लोग इस दिन जरूर आते हैं क्योंकि एक ही बार साल में मां का सेवा करने का मौका मिलता है.

Tags: Local18, Religion 18

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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