विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने भारत और दक्षिण कोरिया के बीच विभिन्न क्षेत्रों में व्यापार को मजबूत करने पर बल दिया है। डॉ. जयशंकर ने आज दक्षिण कोरिया के सियोल में कोरिया नेशनल डिप्लोमैटिक अकादमी में राजनीतिक तथा महत्वपूर्ण बातचीत के साथ-साथ मजबूत व्यापारिक संपर्क और प्रौद्योगिकी के आदान-प्रदान की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते, सीईपीए की लंबे समय से लंबित समीक्षा में तेजी लाई जानी चाहिए ताकि इसे उपयोगी बनाया जा सके। श्री जयशंकर ने कहा कि नई प्रौद्योगिकियों से संबंधित अवसरों का उपयोग करने और समग्र रूप से अंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की स्थिरता और संभावनाओं को सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करना महत्वपूर्ण है।
विदेश मंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि संबंधों का विस्तार करके भारत-दक्षिण कोरिया साझेदारी हिन्द-प्रशांत और उससे आगे एक महत्वपूर्ण कारक के रूप में उभर सकती है। डॉ. जयशंकर ने कहा कि दोनों देशों में विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग का विस्तार हुआ है और इसके लाभ दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जी-20 के दो महत्वपूर्ण सदस्यों के रूप में वैश्विक व्यवस्था को फिर से आकार देने में सक्रिय रूप से योगदान की जिम्मेदारी भारत और दक्षिण कोरिया की बढ़ गई है।