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Ram Temple: इस आधार पर होगी राम मंदिर के लिए पुजारियों की भर्ती? जानें अर्चकों के लिए नियम व शर्तें

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सर्वेश श्रीवास्तव/अयोध्या : अयोध्या में 22 जनवरी को प्रभु राम अपने भव्य महल में विराजमान होंगे. प्रभु राम के विराजमान होने से पहले श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने राम मंदिर की अर्चकों की चयन प्रक्रिया भी शुरू कर दी है. इसके लिए इच्छुक व्यक्तियों से आवेदन मांगे गए थे. आवेदन के लिए अंतिम तारीख 31 अक्टूबर थी. राम मंदिर के अर्चकों का साक्षात्कार भी बीते दिनों संपन्न हो गया है. चयनित अभ्यर्थियों को 6 माह की ट्रेनिंग दी जाएगी, उसके बाद उन्हें प्रवेश परीक्षा भी देनी होगी.

जनवरी 2024 में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा होनी है. उससे पहले ट्रस्ट की तरफ से भगवान रामलला के दैनिक श्रृंगार पूजन और भोग की व्यवस्था के लिए ने अर्चकों की नियुक्ति के लिए आवेदन मांगे गए थे. आवेदन की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर थी. अयोध्या क्षेत्र के अभ्यर्थियों को वरीयता दी जाएगी. हालांकि राम मंदिर के अर्चकों का साक्षात्कार भी बीते दिनों संपन्न हो गया है. लगभग 300 से ज्यादा वेद पाठी विद्यार्थियों ने साक्षात्कार दिया है.

6 महीने का प्रशिक्षण दिया जाएगा
प्रवेश परीक्षा के माध्यम से अर्चकों का चयन किया जाएगा. जिसके बाद 6 महीने का प्रशिक्षण दिया जाएगा. प्रशिक्षण के दौरान अर्चकों को 2000 रुपये माह छात्रवृत्ति भी दी जाएगी. राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य गोविंद देव गिरी ने बताया कि आवेदकों की उम्र 20-30 वर्ष के बीच होनी चाहिए. साथ ही आवेदक ने 6 माह की श्री रामानंदीय दीक्षा ली हो और गुरकुल शिक्षा पद्धति से पढ़ाई की हो. ट्रेनिंग के दौरान अर्चकों को रहने खाने की भी व्यस्था रहेगी. उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण के बाद उत्कृष्ट अर्चकों की तैनाती राम मंदिर में की जाएगी.

वेदपाठी विद्यार्थियों को दी जाएगी वरीयता
विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने बताया कि राम मंदिर ट्रस्ट ने राम मंदिर में अर्चक और पुजारी के लिए आवेदन मांगे हैं. जिसके लिए अंतिम तारीख 31 अक्टूबर थी. 6 माह का प्रशिक्षण दिया जाएगा. अयोध्या के वेदपाठी विद्यार्थियों को वरीयता दी जाएगी.

क्या है अर्चकों के लिए नियम व शर्तें?
वेदपाठी विद्यार्थियों की उम्र 20 से 30 वर्ष तक होनी चाहिए, पारंपरिक गुरुकुल शिक्षा होनी अनिवार्य है. अयोध्या परिक्षेत्र के विद्यार्थियों वरीयता दी जाएगी, श्री रामानंदी दीक्षा से विद्यार्थी युक्त होना चाहिए. तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट 6 माह का प्रशिक्षण कराएगा. वैदिक विद्वानों द्वारा प्रशिक्षण होगा. तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा प्रशिक्षित अर्चक प्रमाण पत्र मिलेगा. प्रशिक्षण के दौरान छात्रवृत्ति के रूप में ₹2000 मासिक की छात्रवृत्ति भी दी जाएगी.

Tags: Ayodhya News, Local18, Uttar Pradesh News Hindi

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