अंजलि सिंह राजपूत/लखनऊ. लखनऊ से रामेश्वरम जा रही पर्यटक ट्रेन में शनिवार को आग लगने से दस लोगों की मौत होने के बाद यह मामला राष्ट्रीय स्तर पर भी गरमा गया है. प्रदेश से लेकर केंद्र सरकार तक की निगाहें इस पर टिकी हुई हैं. इसी बीच दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया है, इसे एक बड़ा हादसा बताते हुए दूसरे राज्यों की सरकारें लापरवाही बता रही हैं.
अब इस पूरे मामले पर आईआरसीटीसी के क्षेत्रीय प्रबंधक अजीत कुमार सिन्हा से जब बात की गई तो उन्होंने अपने प्रवक्ता अभय मिश्रा के जरिए बताया कि मामले की जांच चल रही है. अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि ट्रेन में सिलेंडर कैसे गया. जब इस मामले की जांच पूरी हो जाएगी. तब इसकी अंतिम रिपोर्ट सामने आएगी. उन्होंने बताया कि सुबह से ही वह पल-पल की मॉनीटरिंग कर रहे हैं और मृतकों के परिवार के सदस्यों तक हर संभव मदद पहुंचाने की कोशिश की जा रही है.
कैसे हुई इतनी बड़ी लापरवाही
इस पूरे हादसे में जो सबसे बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है वह यह है कि आखिर ट्रेन के अंदर सिलेंडर गया कैसे. जब सभी पैसेंजरों की जांच रेलवे स्टेशन पर हो जाती है और इस तरह का सामान अंदर ले जाने नहीं दिया जाता है ऐसे में किस स्तर से लापरवाही हुई है, इन सबकी जांच चल रही है.
क्या था पूरा मामला
इस ट्रेन में उत्तर प्रदेश के सीतापुर, हरदोई और लखीमपुर खीरी के यात्री बड़ी संख्या में शामिल थे. यह घटना शनिवार सुबह 5:15 की है. आईआरसीटीसी मृतकों की पहचान करने के साथ ही उनके परिवार वालों से संपर्क करने का प्रयास कर रहा है, जो लोग वहां फंसे हैं. उनको भी दूसरी ट्रेन के जरिए घर पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है. इसके अलावा जो घायल है उनके परिवार से भी संपर्क करने का प्रयास कर रहा है. आपको बता दें कि यह ट्रेन 17 अगस्त को उत्तर प्रदेश के लखनऊ से 60 से अधिक तीर्थ यात्री तमिलनाडु लेकर पहुंची थी. इस ट्रेन को 26 अगस्त यानी शनिवार की सुबह मदुरै पहुंचना था. मदुरै रेलवे स्टेशन से सिर्फ एक किलोमीटर की दूरी पर ही बॉडी लाइन पर ट्रेन रुकी हुई थी. इसी दौरान इसमें आग लग गई जिसमें दस यात्रियों की मौत हो गई.
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FIRST PUBLISHED : August 26, 2023, 16:21 IST