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पीलीभीत के जिस गांव में बाघ ने ली थी मासूम की जान, वहां अब तेंदुए ने दी दस्तक

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सृजित अवस्थी/पीलीभीत: अब तक पीलीभीत के तमाम इलाकों में बाघ की चहलकदमी को लेकर दहशत देखी जा रही थी. पीलीभीत के सेल्हा गांव में बीते दिनों बाघ ने एक बच्ची को अपना निवाला बनाया था. वहीं अब इस इलाके में तेंदुए की भी चहलकदमी देखी जा रही है. ऐसे में ग्रामीणों में खासा रोष है.

एक तरफ तो लगातार बढ़ रही वन्यजीवों की संख्या से पीलीभीत टाइगर रिजर्व देश भर के इको टूरिज्म के नक्शे पर अपनी अलग पहचान बना रहा है. वहीं जिले की एक आबादी ऐसी भी है जो हर पल वन्यजीवों की दहशत के साए में जी रही है. दरअसल, जिले में सैकड़ों ऐसे गांव हैं, जो जंगल के मुहाने पर बसे हुए हैं.

ऐसे में कई बार बाघ व तेंदुए जैसे वन्यजीव आसान शिकार की तलाश में आबादी का रुख कर देते हैं. कई बार ग्रामीणों के पालतू पशु इनका निवाला बनते हैं तो कई बार ग्रामीणों को भी अपनी जान से हाथ धोने पड़ जाते हैं.

ग्रामीणों में दहशत और गुस्सा
बीते सप्ताह पीलीभीत की कलीनगर तहसील के अन्तर्गत आने वाले सेल्हा गांव में देर शाम अपने घर के बाहर खेल रही 10 वर्षीय बच्ची पर टाइगर ने हमला कर दिया था. इस ख़तरनाक हमले में बच्ची की जान चली गई थी. अब इस इलाके में लगातार तेंदुए की चहलकदमी देखी जा रही है. ऐसे में ग्रामीण दहशत में तो हैं ही, साथ ही साथ विभाग के अधिकारियों के खिलाफ आक्रोशित भी हैं. वहीं अधिकारी निगरानी व सतर्कता की बात कह रहे हैं.

निगरानी में जुटी वन विभाग की टीम
पूरे मामले पर अधिक जानकारी देते हुए पीलीभीत सामाजिक वानिकी के डीएफओ संजीव कुमार ने बताया कि बीते कुछ दिनों इलाके में तेंदुए की सक्रियता देखी जा रही है. टीमें लगातार निगरानी में जुटी हैं.

Tags: Local18, Pilibhit information, Up information in hindi, Wildlife information in hindi

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