समाजवादी पार्टी सूबे की गंगा जमुनी तहजीब को बचाये रखने के लिए लड़ रही है- रेवती रमण
रेवती रमण सिंह करछना विधानसभा से 8 बार विधायक, प्रयागराज लोकसभा सीट से 2 बार सांसद और वर्तमान में राज्यसभा सांसद है.
उत्तर प्रदेश में चुनावों की घोषणा के साथ ही राजनैतिक पार्टियों की सक्रियता बढ़ गयी है. इसी क्रम में आज हमारे संवाददाता अभिजीत सिंह ने समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्य और वर्तमान राज्यसभा सांसद कुंवर रेवती रमण सिंह से वर्तमान परिदृश्य में समाजवादी पार्टी की स्थिति पर चर्चा की.
प्रश्न- समाजवादी पार्टी ने 2017 और 2019 में गठबंधन किया था जो विफल रहा था, ऐसे में 2022 में छोटे दलों से गठबंधन करने से पार्टी को कितना लाभ होगा?
उत्तर- बिलकुल लाभ होगा. पश्चिम में जयंत चौधरी किसानो के मुद्दे पर काफी लम्बे समय से संघर्ष कर रहे है, जिसका लाभ गठबंधन को होगा वही पूर्वांचल में ओमप्रकाश राजभर के जुड़ने से हमारी ताकत निश्चित रूप से बढ़ेगी. पिछली बार हमने जिन राजनीतिक दलों से गठबंधन किया था उनसे हमारे वैचारिक मतभेद थे, जिसकारण उनके वोट हमारे पार्टी को ट्रांसफर नही हो सके, जिससे हमारी हार हुई. इस बार जिन छोटे छोटे राजनीतिक दलों से हमारा गठबंधन हो रहा है वो सभी सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ रहे है. हमारा पूरा गठबंधन एक समता मूलक समाज बनाने और गंगा जमुनी तहजीब को बनाए रखने की लड़ाई लड रहा है.
प्रश्न- गठबंधन को देखते हुए समाजवादी पार्टी काफी मजबूत दिखाई पड़ती है, लेकिन इस गठबंधन को आगे भी बनाये रखना बड़ी चुनौती है वह भी तब जबकि कई राज्यों में भाजपा ने तोड़ फोड़ करके अपनी सरकार बनाई है?
उत्तर- हमारा गठबंधन आगे भी मजबूती से बना रहेगा. हमारी पार्टी खुद से ही पूर्ण बहुमत लाएगी. भाजपा की दाल यूपी में नही गलेगी. उत्तर प्रदेश के युवा, किसान, महिला सभी इन्हें हटाना चाह रहे है. इनके उपमुख्यमंत्री अपने विधानसभा क्षेत्र में खुद विरोध झेल रहे है . भाजपा की विदाई तय है.
प्रश्न- यूपी चुनाव से ठीक पहले कोरोना का बढना और चुनाव आयोग का रैलियों और रोड शो पर प्रतिबन्ध लगाने को आप कैसे देखते है, इससे प्रचार प्रसार कितना प्रभावित होगा वो भी तब जबकि भाजपा डिजिटल प्लेटफार्म पर सपा की तुलना में ज्यादा मजबूत है?
उत्तर- मैं चुनाव आयोग के इस फैसले से इत्तेफाक नही रखता हूँ. प्रदेश में कई छोटे छोटे राजनीतिक दल है जिनके पास डिजिटल प्लेटफार्म पर प्रचार के लिए न तो साधन है और न ही धन. ऐसे में एक निष्पक्ष चुनाव कराना थोडा मुश्किल है. इसके साथ ही अब तो सभी लोगो को वैक्सीन लग चुका है जैसाकि भाजपा दावा करती है. हम आशा करते है की 30 जनवरी के बाद चुनाव आयोग प्रतिबंधो में कुछ ढिलाई करेगी.
प्रश्न- भाजपा के पास एक बड़ा संघटन, असीमित संसाधन, एक बड़ा इलेक्शन मेनेजमेंट, और साथ ही प्रधानमन्त्री मोदी, योगी आदित्यनाथ, अमित शाह जैसे बड़े बड़े स्टार प्रचारको की एक लम्बी फ़ौज होगी, जिनके सामने अखिलेश यादव अकेले चुनाव प्रचार करेंगे. ऐसे में क्या ये एक बड़ा सवाल नही है की अखिलेश यादव अपनी पार्टी में दूसरे कतार के नेताओं को विकसित करने में विफल रहे है?
उत्तर- ऐसा नही है, हमारी पार्टी में भी कई नेता है जिनकी अपने समाज में बहुत अच्छी पकड़ है और वो पार्टी के पक्ष में मतदान कराने में समर्थ है. रही बात संघटन और संसाधन की तो हमारी पार्टी की पहुँच घर घर तक है और संसाधन की बात की जाय तो अब प्रदेश की जनता ने भाजपा को विदा करने का मन बना लिया है अब इनके संसाधनों से कोई फर्क नही पड़ता है.
प्रश्न- अपर्णा यादव के भाजपा ज्वाइन करने को भाजपा मास्टरस्ट्रोक बता रही है, आप इससे समाजवादी पार्टी को कितना नुकसान होगा?
उत्तर- कोई नुकसान नही होगा, लखनऊ के बाहर अपर्णा को कौन जानता है और वैसे भी अपर्णा अक्सर अपने बयानों से पार्टी को असहज ही करती थी. ऐसे में उनका भाजपा में जाना समाजवादी पार्टी के ही हित में है. मैं भाजपा में उनके उज्जवल भविष्य की कामना करता हूँ.
प्रश्न- समाजवादी पार्टी ने तमाम छोटी छोटी पार्टियों से गठबंधन किया लेकिन ओवैसी की पार्टी को साथ नही लिया. शायद इसीलिए ओवैसी साहब अपनी सभाओं में योगी से ज्यादा अखिलेश पर मुखर है और अब तो उन्होंने बाबू सिंह कुशवाहा और बामसेफ के साथ मिलकर एक थर्ड फ्रंट बनाया है. इससे समाजवादी पार्टी को कितना नुकसान होगा?
उत्तर- कोई नुकसान नही होगा. ओवैसी का सच पूरा अल्पसंख्यक समाज जानता है. उनका एजेंडा सिर्फ सेक्युलर पार्टियों को नुकसान पहुंचाकर भाजपा की मदद करना है. आप ही देखिये तेलंगाना में ये सिर्फ हेदराबाद की सीट पर चुनाव लड़ते है क्योकि वहाँ भाजपा बहुत कमजोर है. वही दूसरी तरफ महाराष्ट्र और बिहार में इन्होने भाजपा को लगभग 100 सीट पर लाभ पहुँचाया था. उनका भाजपा के खिलाफ लड़ना सिर्फ दिखावा है. अल्पसंख्यक समाज इनकी सच्चाई जान चुकी है. इसलिए इस बार लड़ाई सिर्फ सपा और भाजपा में है.
प्रश्न- हाल ही में तमाम समाजवादी नेताओं या उद्मियो पर केन्द्रीय एजेंसी के छापे पड़े है, इसे आप कैसे देखते है. क्या इससे पार्टी की छवि पर कोई प्रभाव पड़ा है?
उत्तर- चुनावी साल में ऐसे छापे सामान्य है. सत्ता में बैठे लोग विरोधियो को परेशान करने के लिए ऐसा करते है लेकिन इससे उन्हें कोई लाभ नही होगा. इससे हमारी पार्टी को कोई नुकसान नही होगा.
प्रश्न– स्वामी प्रसाद मौर्या, दारा सिंह चौहान और धर्म सिंह सैनी के सपा ज्वाइन करने से पार्टी को कितनी मजबूती मिलेगी ?
उत्तर- निश्चित रूप से लाभ होगा. ये सभी नेता जनाधार वाले नेता है. जो लोग ये आरोप लगाते है की समाजवादी पार्टी सिर्फ मुसलमान और यादवो की पार्टी है उनके लिए ये एक करारा जवाब है की समाजवादी पार्टी अब A टू Z की पार्टी है.
प्रश्न- नैनी को औद्योगिक क्षेत्र बनाने में आपने एक लम्बा संघर्ष किया था लेकिन विगत 2 वर्षो में लगभग २० से ज्यादा कम्पनियाँ या तो बंद हो गयी है या होने की कगार पर है. जिससे प्रयागराज सहित आस पास के क्षेत्रो में रोजगार का संकट आ गया है, इसके लिए आप किसे जिम्मेदार मानते है?
उत्तर- 2014 में प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने अपने जनसभा में कहा था की वो नैनी को व्यापक पैमाने पर निवेश कराकर करोडो रोजगार के अवसर उपलब्ध कराएँगे लेकिन उनकी सरकार की गलत नीतियों के कारण जो छोटे और माध्यम आकर के उद्योग थे वो भी नही बचे. हमारे क्षेत्र के लोगो को काम के तलाश में बाहर न जाना पड़े इसीलिए हमने नैनी को औद्योगिक क्षेत्र के रूप में विकसित कराया था. समाजवादी पार्टी की सरकार बनने पर हम नए सिरे से यहाँ उद्योग लगवाएंगे जिससे की हमारे क्षेत्र के लोगो के सामने रोजगार संकट न रहे.
प्रश्न- आप करछना से लगातार 8 बार विधायक निर्वाचित हुए, उस दौरान करछना की गणना प्रदेश की आदर्श विधानसभाओ में होती थी, लेकिन उसके बाद करछना लगातार पिछड़ता गया?
उत्तर- जब कोई नेता अपनी विधानसभा को अपना घर और वहां के लोगो को अपना परिवार समझेगा तो निश्चित रूप से विधानसभा का विकास होगा. 2007 तक उज्जवल रमण विधायक रहे उन्होंने क्षेत्र को अपना घर और मतदाताओं को अपना परिवार समझकर काफी विकास किया था लेकिन उसके बाद 10 साल तक कुछ राजनैतिक पर्यटक नेताओ ने जाति को आधार बनाकर चुनाव तो जीत लिया लेकिन उसके विकास के लिए कुछ नही किया. मुझे हैरानी होती थी की 10 साल तक तत्कालीन विधायको ने सदन में क्षेत्र की किसी समस्या को नही उठाया था. 2017 के बाद से उज्जवल रमण ने दोबारा क्षेत्र के विकास को गति दी है. विधायक निधि से पुरे क्षेत्र में सडको का एक जाल सा बन दिया है. विधानसभा में सबसे ज्यादा सवाल करछना विधानसभा की तरफ से उठाये गये थे.
प्रश्न- अखिलेश यादव अपने सभी रैलियों में समाजवादी पार्टी के गठबंधन को 400 सीट जितने का दावा कर रहे है, आप पार्टी के सबसे सीनियर और अनुभवी नेता है, आपके आकलन के अनुसार गठबंधन कितनी सीटे जीत सकती है?
उत्तर- मेरा व्यक्तिगत आकलन है कि अगर टिकट का वितरण सही से हुआ तो हमारी पार्टी अकेले 300 सीट जीत सकती है.