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बच्चों व महिलाओं को बाल कल्याण समिति/किशोर न्याय बोर्ड सक्षम प्राधिकारी कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करने हेतु, बाल कल्याण समिति किशोर न्याय बोर्ड की सहमति लेते हुए वीडियो कान्फ्रेंसिग वेब कैमरे/मोबाइल फोन कैमरे इत्यादि माध्यमो का अधिक से अधिक प्रयोग किया जायें।
संस्थाओं में कर्मचारियों हेतु पूर्व में निर्गत व्यवस्थानुसार रोस्टर लागू करायें तथा रोस्टर अनुसार कार्मिको द्वारा संस्था में ही निवास सुनिश्चित किया जाये कोविड काल में मानसिक तनाव से मुक्त रखने के लिये कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुये काऊन्सलर्स की सेवायें ली जायें।
बच्चों को महापुरूषों, वैज्ञानिकों, उच्च कोटि के कलाकारों आदि अथवा किसी भी क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले बच्चों के प्रेरक
प्रसंगों के सम्बंध में अवगत कराया जाय –प्रमुख सचिव हेकाली झिमोमी
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कोविड 19 के दृष्टिगत समस्त संस्थाओं व गृहों में नवान्तुक संवासियों को संस्था में आवासित कराये जाने से पूर्व एण्टीजन कोविड जॉच अनिवार्य -निदेशक महिला कल्याण।
लखनऊ: 13 अप्रैल, 2021
प्रमुख सचिव, महिला एवं बाल विकास विभाग उ0प्र0 वी. हेकाली झिमोमी जी ने मेरठ, बरेली तथा सहारनपुर मण्डल के विभागीय संस्थाओं के संस्था प्रभारियों के साथ समीक्षा बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की। उन्होंने कहा कि संस्था में बाहरी व्यक्तियों का प्रवेश पूर्णतः प्रतिबन्धित किया जाये तथा निरीक्षण के उद्देश्य से आने आने वाले अधिकृत व्यक्तियों अधिकारियों को किशोर न्याय समिति के निर्देशानुसार तभी प्रवेश दिया जाये जब हाल ही में उनकी कोविड जॉच रिपोर्ट नेगेटिव आयी हो। संस्थाओं के समस्त कर्मचारियों की कोविड जॉच प्रत्येक 15 दिन पर कराने के निर्देश मा0 किशोर न्याय समिति द्वारा दिये गये हैं, जिसका अनुपालन कडाई से किया जाये।
निदेशक महिला कल्याण मनोज कुमार राय ने बताया कि कोविड 19 के दृष्टिगत समस्त संस्थाओं/गृहों में नवान्तुक संवासियों को संस्था में आवासित कराये जाने से पूर्व एण्टीजन कोविड जॉच अनिवार्य रूप से कराने के लिए कहा गया है। उन्होंने बताया कि यदि कोई संवासी कोविड-19 पॉजिटिव पाया जाता है तो उसे सीधे कोविड अस्पताल में तत्काल भर्ती किया जाए। एण्टीजन कोविड जॉच में नेगेटिव पाये जाने के उपरान्त भी उसे संस्था में पूर्व से आवासित बच्चों से पृथक रखते हुए जनपदों के गृहों में स्थापित क्वारांटन सेंटर में रखा जायेगा। आरटीपीसीआर जॉच में नेगेटिव पाये जाने पर ही अन्य बच्चों के साथ रखा जाये।
प्रमुख सचिव ने कहा कि बच्चों व महिलाओं को बाल कल्याण समिति/किशोर न्याय बोर्ड/सक्षम प्राधिकारी/कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करने हेतु, बाल कल्याण समिति/किशोर न्याय बोर्ड की सहमति लेते हुए वीडियो कान्फ्रेंसिग/वेब कैमरे/मोबाइल फोन कैमरे इत्यादि माध्यमो का अधिक से अधिक प्रयोग किया जाय। विभाग के अधीन कार्यालयों/संस्थाओं/गृहों के कमरों के डोर नॉब, स्विच, हैण्ड रेलिंग तथा मेज अथवा कुर्सी को एल्कोहल युक्त सेनिटाईजर से साफ किया जाये। संस्थाओं में कर्मचारियों हेतु पूर्व में निर्गत व्यवस्थानुसार रोस्टर लागू करायें तथा रोस्टर अनुसार कार्मिको द्वारा संस्था में ही निवास सुनिश्चित किया जाये ताकि वह बार-बार संस्था से बाहर न जायें। संस्थाओं में निवासरत् संवासी/संवासिनियों को कोरोना वायरस (कोविड-19) के संबध में निरन्तर जागरूक किया जाये।
प्रमुख सचिव ने कहा कि कोविड काल में मानसिक तनाव से मुक्त रखने के लिये कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुये काऊन्सलर्स की सेवायें ली जायें। ये सेवायें आनलाईन भी प्राप्त की जा सकती है। बच्चों को महापुरूषों, वैज्ञानिकों, उच्च कोटि के कलाकारों आदि अथवा किसी भी क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले बच्चों के प्रेरक प्रसंगों के सम्बंध में अवगत भी कराया जाय। बैठक में निदेशक महिला कल्याण मनोज कुमार राय सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे ।