Prayagraj Express सरकार गठन के 84 दिन बाद नीतीश मंत्रिमंडल में 17 नए मंत्रियों को शामिल किया गया. पटना से दिल्ली तक कई दौर के महामंथन के बाद मंत्रिमंडल का जो विस्तार हुआ. उसका संदेश तो यही है कि बीजेपी ने बिहार में ‘बड़े भाई’ का ओहदा हासिल कर लिया. मंगलवार दोपहर साढ़े बारह बजे राजभवन के राजेंद्र मंडप में हुए इस शपथ ग्रहण समारोह पर पूरे बिहार की निगाहें टिकी थीं. टेलीविजन से लेकर मोबाइल तक शपथ लेने वाले हर चेहरे को गौर से देखा जा रहा था. गठबंधन के गणित और सत्ता के समीकरण को सुलझाकर इन 17 चेहरों को तय करने में बीजेपी और जेडीयू को पूरे 84 दिन लग गए थे. सबसे बड़ा चेहरा पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन का रहा.शाहनवाज सहित बीजेपी कोटे से कुल नौ मंत्रियों ने शपथ ली जिसमें गोपालगंज से बीजेपी विधायक सुबाष सिंह, पटना की बांकीपुर सीट से विधायक नितिन नवीन, सुपौल जिले की छातापुर सीट से विधायक नीरज कुमार बबलू, एमएलसी सम्राट चौधरी के अलावा सहरसा से विधायक आलोक रंजन झा, पूर्व मंत्री प्रमोद कुमार, नौतन से विधायक नारायण प्रसाद और बिना किसी सदन का सदस्य रहते हुए पूर्व सांसद जनक राम को मंत्री बनाया गया .बीजेपी ने युवा नेताओं को तरजीह दी तो जेडीयू ने सामाजिक और राजैनितक समीकरण का ध्यान रखते हुए धमदाहा से विधायक लेसी सिंह, बीएसपी छोड़ जेडीयू में आए चैनपुर से विधायक जमां खा, पूर्व मंत्री मदन सहनी, श्रवण कुमार और संजय झा के अलावा अमरपुर से विधायक जयंत राज, चकाई से निर्दलीय विधायक सुमित सिंह और गोपालगंज की भोरे सीट से चुनकर आए पूर्व आईपीएस सुनील कुमार को मंत्री बनाया.इस मंत्रिमंडल विस्तार के फौरन बाद विभागों का बंटवारा भी कर दिया गया मगर सबसे ज्यादा चर्चा नीतीश कैबिनेट में मंत्रियों की संख्या को लेकर हो रही है. सरकार में सीएम सहित कुल 31 मंत्री हो गए हैं. बीजेपी के मंत्रियों की संख्या सबसे ज्यादा 16 हो गई है. जेडीयू के 13 मंत्री हैं. हम और वीआईपी के एक-एक मंत्री हैं. संदेश यही समझा जा रहा है कि आखिरकार सदन में 74 सीटों वाली बीजेपी ने संख्या के आधार पर ज्यादा मंत्रीपद हासिल कर सियासत में ‘बड़े भाई’ का ओहदा भी हासिल कर लिया. 50-50 के फार्मूले पर अड़े जेडीयू को सीटों के मुताबिक ही मंत्री पद पर संतोष करना पड़ा. हालांकि अब भी सरकार में मंत्री की 5 सीटें खाली हैं.