हाईकोर्ट ने छात्र की हत्या का लिया स्वत: संज्ञान
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के कुलसचिव-डीएम को जारी किया नोटिस, हाईकोर्ट खुद करेगी मॉनिटरिंग
प्रयागराज। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के पीसीबी हॉस्टल में छात्र नेता रोहित शुक्ला की हत्या का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है। अखबारों छपी खबर के माध्यम से हाईकोर्ट ने इस मामले को स्वत: संज्ञान में लिया है। मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर ने इस मामले को लेकर एक आपराधिक जनहित याचिका कायम कर ली है, जिस पर सुनवाई के साथ कोर्ट सुरक्षा के जिम्मेदारों को कटघरे में खड़ा करेगी। मामले में हाईकोर्ट ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के कुलसचिव, कमिश्नर, डीएम, एसएसपी को नोटिस जारी की और मामले की सुनवाई पर हाजिर होने का आदेश दिया।
हाईकोर्ट ने हत्या के मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा है कि हॉस्टल में आपराधिक घटनाएं बहुत बढ़ गई हैं। घटना के बाद यह साफ है कि पूरे शहर में कानून-व्यवस्था ध्वस्त है और आम नागरिक खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहा है। अखबार के पेज ऐसे ही क्राइम से भरे पड़े हैं। हाईकोर्ट ने जिले के पुलिस कप्तान पर रुख अपनाते हुए कहा कि छात्रों के अलावा दूसरे लोग यूनिवर्सिटी के छात्रावास में कैसे रह रहे हैं। बाहरी लोगों ने ही छात्रावास को अपराधियों का अड्डा बना दिया है, जिसके चलते पूरे विश्वविद्वालय का माहौल खराब है। पठन-पाठन का वातावरण चौपट हो चुका है और मासूम छात्र-छात्राएं अपराधियों की मौजूदगी में खुद को असुरक्षित महसूस करते हैं। यूनिवर्सिटी में हो रही यह घटनाएं हमारे लिए गंभीर चिंता का विषय है।
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी का नाम हत्या, बमबाजी, अराजकता, गुंडागर्दी जैसे मामलों में टॉप पर आने और पढ़ाई का ग्राफ शून्य को ओर जाता देख अब हाईकोर्ट भी पूरी तरह से सख्त हो गया है। हाईकोर्ट ने अपनी गहरी नाराजगी यूनिवर्सिटी प्रशासन व जिला पुलिस प्रशासन के प्रति व्यक्त करते हुये कहा कि कभी पूरी दुनिया में अपनी शैक्षिक गुणवत्ता के लिए यह संस्थान अग्रणी था, दुनिया इस पूरब का आक्सफोर्ड कहती थी, लेकिन आज विश्वविद्वालय का परिसर आपराधिक गतिविधियों का मैदान बन चुका है और विश्वविद्वालय प्रशासन मूक दर्शक बनकर सबकुछ देख रहा है। मुख्य न्यायमूर्ति गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति एसएस शमशेरी की पीठ अब इस मामले में स्वत: संज्ञान के तहत याचिका पर सुनवाई करेगी और संभावना कि वह ठोस कदम भी उठाएगी। हाईकोर्ट शहर और आसपास के इलाके में कानून-व्यवस्था की अदालत खुद मॉनिटरिंग करेगी।
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ये है मामला
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