नौकरियों के वादों पर तेजस्वी ने पीएम पर साधा निशाना
लोकसभा चुनाव के करीब आते ही बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बरोजगारी के मसले पर नरेंद्र मोदी सरकार का घेरा
पटना। लोकसभा चुनाव के करीब आते ही सियासी वार-पलटवार का दौर तेज होता जा रहा है। बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बरोजगारी के मसले पर नरेंद्र मोदी सरकार का घेरा है। एक के बाद एक, तेजस्वी ने लगातार कई ट्वीट किए और मोदी सरकार पर युवाओं को ठगने का आरोप लगाया। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी जी ने सबसे ज्यादा युवाओं को ठगा है। हर साल 2 करोड़ नौकरियों का वादा कर उसे पूरा न करना वादाखिलाफी है।
बिहार में नीतीश जी और भाजपा का अपवित्र गठबंधन अपराध, भ्रष्टाचार और बलात्कार जैसे अपवित्र कार्यों में लीन है, इन्हें किसानों और नौजवानों की कोई चिंता नहीं है। तेजस्वी ने पीएम मोदी से पूछा कि मोदी जी बेरोजगारी पर बात करने पर आपका गला क्यों सूख जाता है। 2 करोड़ नौकरियों का हर साल वादा करने वाले 5 साल में उसका सौंवा हिस्सा भी वादा नहीं निभा पाए। एनएसएसओ की रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने लिखा कि रिपोर्ट के अनुसार इन पांच सालों में 50 साल का रोना रोने वालों के कारण रोजगार की पिछले 45 सालों में सबसे खराब स्थिति रही।
अगले ट्वीट में तेजस्वी ने लिखा कि संगठित, असंगठित, निजी व सरकारी क्षेत्र। सभी की स्थिति बद से बदतर है। हर क्षेत्र से रोजगार के अवसर खत्म ही नहीं हो रहे बल्कि कार्यरत मानव संसाधन की छटनी भी बदस्तूर जारी है। BSNLजैसी नवरत्न कम्पनियों को जानबूझकर नीम हकीम नीतियों से घाटे में धकेला जा रहा है ताकि ‘जियो’ जी सके। तेजस्वी ने आरोप लगाया कि युवाओं को अंधेरे में रखने के लिए सरकार ने तीन-तीन बार बेरोजगारी के आंकड़े प्रस्तावित होने से रोक दिया गया। हाल ही में मुद्रा योजना के द्वारा करवाए गए बेरोजगारी पर एक रिपोर्ट को भी प्रकाशित होने से रोक दिया गया।
तेजस्वी ने आरोप लगाया कि सरकार ने भर्ती के नाम पर करोड़ों का गबन किया। तेजस्वी ने लिखा कि छलावा पार्टी की छलिया सरकार ने भर्ती के बहाने आवेदन पत्रों की फीस के नाम पर बेरोजगार युवाओं से हजारों करोड़ रुपए लूट लिए। अकेले रेलवे ने बेरोजगारों के आवेदनों से अरबों कमाए है। युवाओं का ध्यान भटकाने के लिए नए प्रपंच रचे जा रहे है। नौकरियों के आंकड़ों के सबूत मिटाए जा रहे है। तेजस्वी ने लिखा युवाओं को काल्पनिक शत्रु दिखा कर बेरोजगारी के सवाल से दूर किया जा रहा है। मोदी सरकार बेरोजगारी पर बात करने से क्यों डरती है? युवा साथियों से आग्रह है कि वो अपने जीवन को प्रभावित करने वाले मुद्दों को आगामी चुनाव में तरजीह दे।
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