कुम्भ नगरी पहंची श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़ें की भव्य पेशवाई
श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी विशोकानंद भारती महाराज की अगुवाई में गाजेबाजे संग निकाली गई पेशवाई
प्रयागराज। कुम्भ मेले में साल के पहले दिन श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी की भव्य पेशवाई निकाली गई। हजारों साधु संतों और नागा सन्यासियों ने पूरे शाही अंदाज में कुम्भ मेला क्षेत्र स्थित अपनी छावनी में प्रवेश किया। महानिर्वाणी अखाड़े की पेशवाई पारम्परिक रुप से हाथी, घोड़े और ऊंट के साथ ही बैंड बाजे के साथ बड़े ही धूमधाम से निकाली गई। पेशवाई में शामिल कई विदेशी श्रद्धालु लोगों के बीच आकर्षण के केन्द्र रहे।
श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी विशोकानंद भारती महाराज की अगुवाई में निकाली गई। पेशवाई में सबसे आगे अखाड़े की धर्म ध्वजा फहरा रही थी। जिसके पीछे नागा सन्यान्सियों का जत्था चल रहा था। पेशवाई में अखाड़े के ईष्ट देव कपिल मुनि की पालकी रथ पर सवार थी। पेशवाई में अखाड़े के दारागंज मुख्यालय से अखाड़े के भाले सूर्य प्रकाश और भैरव प्रकाश को भी शामिल किया गया था। पेशवाई को देखने के लिए शाही जुलूस के दोनों ओर श्रद्धालुओं का भारी हुजुम उमड़ पड़ा था। लोग पेशवाई पर फूल वर्षा कर साधु संतों का स्वागत कर रहे थे। पेशवाई में अखाड़े के पचास महामंडलेश्वर, महंत, श्री महंत के साथ ही अखाड़े द्वारा संचालित स्कूलों के एक हजार से ज्यादा बच्चे अपनी झांकियों के साथ शामिल हुए।
साथ ही महानिर्वाणी अखाड़े की पेशवाई में अटल अखाड़े के पीठाधीश्वर स्वामी विश्वात्वरन जी महाराज और पॉली राजस्थान के स्वामी महेश्वरानंद महाराज अपने सैकड़ों विदेशी भक्तों के साथ पेशवाई में शामिल हुए। इस मौके पर अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी विशोकानंद भारती ने भारतीय संस्कृति और सभ्यता को श्रेष्ठ बताते हुए कहा कि पश्चिमी देश जहां भौतिकता को महत्व देते हैं। वहीं भारतीय समाज अपने आध्यात्मिक ज्ञान और तपोबल के आधार पर विश्व गुरु है और आगे भी रहेगा। उन्होंने कहा है कि ये भारत में ही संभव है कि कुम्भ जैसे विशाल मेले का आयोजन होता है, जिसमें सभी धर्मों के लोगों को कुछ न कुछ अवश्य मिलता है।
- Design